भारत के लोगों ने रेल में सफर करना अब कम कर दिया है Railway Ka Safar

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यह सुनकर आपको हैरानी जरूर होगी लेकिन ये मोदी सरकार का वो काला सच है जो आपसे लगातार छिपाया जा रहा है। आज मैं जो आपको बताने जा रहा हूँ उसे सुन कर आप दंग रह जाएंगे railway ka safar ट्रैन में सफर करने वाले लोगों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। 2013 14 तक रेलवे में सफर करने वालों की संख्या लगभग 840,00,00,000 थी जो अब घटकर 680,00,00,000 पर पहुँच गई है।

ट्रैन में सफर करने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई है

2018 19 तक करीब 13,500 ट्रैन चलती थी जो की अब 11,000 ही रह गई है। यानी की 2500 ट्रैन कम हो गई। रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो भी खराब हो चुका है। 2013 14 में ₹100 कमाने के लिए रेलवे ₹90 खर्च करता था, वही अब ₹98.06 खर्च करता है। मोदी सरकार ने 2017 में रेल बजट को अलग से देना बंद कर दिया था, जबकि कांग्रेस सरकार में रेल बजट अलग से पेश किया जाता था

गरीब और आम लोगों के सफर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था Railway Ka Safar

बजट में आवंटित रकम का इस्तेमाल कांग्रेस रेलवे के आधुनिकरण और उसके मरम्मत के लिए इस्तेमाल करती थी। लेकिन मोदी सरकार ने 2017 में रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बना दिया और अब अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने में लगी हुई है। मोदी राज़ में रेलवे की स्थिति ये है कि ए सी कोच की संख्या बढ़ती जा रही है। नॉन ए सी स्लीपर जनरल डब्बे कम होते जा रहे हैं।

गरीब लोगों का रेल में सफर करना मुश्किल होता जा रहा है

किराया महंगा हो रहा है, railway ka safar कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल है, टिकट मिल भी गई तो आपको बिना कन्फर्म टिकेट वालों के साथ ही अपना सफर तय करना पड़ेगा। प्रीमियम ट्रेनों के नाम पर रॉकेट की स्पीड से वंदे भारत लॉन्च किए जा रहे हैं

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