Lawrence Bishnoi

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एक ऐसी घटना होती है जिसने दुनियाभर में सब के दिलों की धड़कनों को रोक दिया। सिद्धू मुसेवाला की बेहद सनसनी घटना से सब हिल चूके थे। हर जगह उनके सांग्स को रिप्ले की तरह प्ले किया जा रहा था। पूरा सोशल मीडिया भरा हुआ था, नेशनली नहीं ये इंटरनेशनल न्यूस बन चुकी थी पर इस सबसे थोड़ी ही दूर उस वारदात का मास्टरमाइंड कानून की खैद ने महफूज था

आज फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी चीजें रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आम हो चुकी है। हम इन एप्प्स के थ्रू अपनी जान, पहचान और पूरी दुनिया से कनेक्टेड रहते। पर क्या हो अगर इन्हीं एप्प्स को मौत का हथियार बनाया जाए जहाँ फेसबुक पर स्टेटस के नाम पर मौत के फरमान जारी किए जाए, जहाँ व्हाट्सएप पर किसी की ज़िन्दगी और मौत की कीमत लगाई जाए? ये कहानी उन फरमानों की जिनसे पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला को दिन दहाड़े बीच सड़क पर मौत के घाट उतारा गया।

ये कहानी है उस इंसान की जिसने इंडिया की सबसे सिक्योर्ड जेल में बैठे बैठे इस प्लान को और कई ऐसे क्राइम्स को अंजाम दिया। ये कहानी है उस इंसान की जिसने बॉलीवुड में अपना खौफ पैदा किया और उसकी कहानी किसी बॉलीवुड मूवी से कम नहीं है

एक गैंगस्टर जो बना हुआ है यूथ आइकन एक गैंगस्टर जिसके लिए 600 से भी ज्यादा लोग मरने और मारने के लिए तैयार बैठे। ये कहानी है लॉरेंस बिश्नोई की। लॉरेंस एक अमीर फैम्ली से बिलौंग करता था। बड़ा घर, गाड़ियां और बचपन में उसकी हर विश को पूरा किया गया। स्कूल में भी वो एक ब्राइट स्टूडेंट था।

इसी के चलते। उसे फर्दर स्टडीज़ के लिए चंडीगढ़ भेजा गया। पर ये एक डिसीजन सिर्फ लॉरेंस और उसकी फैमिली को नहीं पूरे देश की कहानी बदलने वाला था। उसने चंडीगढ़ के कॉलेज में लॉ डिग्री हासिल करने के लिए अडमिशन लिया।

अमीर घर का लड़का होने से?लॉरेंस कॉलेज में फेमस हो गया था, वहीं उसकी दोस्ती हुई। गोल्डी ब्रार से। जो आगे चल के उसका राइट हैंड बनता है, लॉरेंस कॉलेज में काफी पॉपुलर था। इसीलिए उसके दोस्तों ने उसे स्टूडेंट प्रेसिडेंट के इलेक्शन में खड़ा होने के लिए मोटीवेट किया।

उसने अपनी पार्टी। स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ पंजाब यूनिवर्सिटी एस। ओह पी यु की शुरुआत और इलेक्शंस जीतने के लिए कड़ी मेहनत करने पर भी वो हार गया। इलेक्शंस के अपोजिशन पार्टी लीडर उदय सिंह के साथ तो आए दिन लॉरेंस के झगड़े होते ही रहते थे,

लेकिन इलेक्शन में उसे हारना लॉरेंस से बर्दाश्त नहीं हुआ। और उसने सबसे पहले जाकर एक गन खरीदी। इस एक डिसीजन से लॉरेंस क्राइम की दुनिया में अपनी किस्मत को लिख चुका था। कुछ ही समय बाद जनवरी 2011 में उनके एक झगड़े ने ऐसा भयानक शूटआउट का रूप ले लिया,

जिसके शोर ने पूरे शहर को दहला दिया। गैंग वॉर? दोनों ग्रुप्स ने एक दूसरे पर फाइरिंग की और यही से शुरुआत हुई लॉरेंस बिश्नोई की क्रिमिनल्स स्टोरी, क्योंकि शूटआउट के लिए उसे अरेस्ट किया गया और उसके खिलाफ़ पहला ऐफ़ आई आर फाइल किया गया। आज 30 साल की उम्र में उसके नाम पर 70 से भी ज्यादा केसेस दर्ज पर ये सब शुरू हुआ उस एक इलेक्शन की हार से जब वो सिर्फ 19 साल का था।

लॉरेंस अब क्राइम के रास्ते चल चुका था, क्योंकि उसने अब ऐसे लोगों से पंगा ले लिया था जो काफी पावरफुल थे। लॉरेंस ने पुलिस से बचने और अपने दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए जग्गू भगवान पुरिया और रॉकी फज़लका के साथ हाथ मिलाया।

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